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असम खदान रेस्क्यू 7वां दिन- 5 मजदूर अब भी फंसे:  कल तक 4 मजदूरों के शव मिले; खदान में पानी का लेवल 15 मीटर घटा

असम खदान रेस्क्यू 7वां दिन- 5 मजदूर अब भी फंसे: कल तक 4 मजदूरों के शव मिले; खदान में पानी का लेवल 15 मीटर घटा


दीमा हसाओ3 घंटे पहले

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उमरांगसो की कोयला खदान में मजदूर 6 जनवरी को उतरे थे। रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 7वां दिन है। - Dainik Bhaskar

उमरांगसो की कोयला खदान में मजदूर 6 जनवरी को उतरे थे। रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 7वां दिन है।

असम के दीमा हसाओ जिले में 300 फीट गहरी कोयला खदान में मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 7वां दिन है। अब तक 4 मजदूरों के शव निकाले जा चुके हैं। 5 मजदूर अब भी खदान के अंदर बने रैट होल्स में फंसे हैं।

जिन मजदूरों के शव निकाले गए हैं उनमें 8 जनवरी को नेपाल के गंगा बहादुर श्रेष्ठ का और 11 जनवरी को उमरांगसो के लिजेन मगर, कोकराझार के खुशी मोहन राय और सोनितपुर के सरत गोयारी शामिल हैं।

रेस्क्यू ऑपरेशन इंडियन आर्मी और NDRF मिलकर चला रही है। इस बीच असम के विशेष डीजीपी हरमीत सिंह ने बताया हादसे वाले दिन खदान में वाटर लेवल 30 मीटर था, अब यह 15 मीटर से भी कम हो गया है।

राज्य के खान एवं खनिज मंत्री कौशिक राय ने बताया कि अगले 36 घंटों के भीतर पानी निकालने का का काम खत्म हो सकता है।

रेस्क्यू ऑपरेशन की तस्वीरें…

नेवी के गोताखोर खदान में भरे पानी में जाकर मजदूरों का पता लगा रहे हैं।

नेवी के गोताखोर खदान में भरे पानी में जाकर मजदूरों का पता लगा रहे हैं।

NDRF की टीम ने छठे दिन रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 3 शव निकाले।

NDRF की टीम ने छठे दिन रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 3 शव निकाले।

असम पुलिस के मुताबिक 12 पंप पिछले 6 दिन से खदान से पानी निकाल रहे हैं।

असम पुलिस के मुताबिक 12 पंप पिछले 6 दिन से खदान से पानी निकाल रहे हैं।

उमरांगसो कोयला खदान में फंसे 5 मजदूरों के नाम

  • हुसैन अली, बागरीबारी, थाना श्यामपुर, जिला: दर्रांग, असम
  • जाकिर हुसैन, 4 नंबर सियालमारी खुटी, थाना दलगांव, जिला: दर्रांग, असम
  • सर्पा बर्मन, खलिसनिमारी, थाना गोसाईगांव, जिला: कोकराझार, असम
  • मुस्तफा शेख, बागरीबारी, पीएस दलगांव, जिला: दर्रांग, असम
  • संजीत सरकार, रायचेंगा, जिला: जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल

खदान से 12 पंप निकाल रहे पानी

असम पुलिस के मुताबिक 12 पंप खदान से पानी निकाल रहे हैं। मेन शाफ्ट में 6 पंप और तीन शाफ्ट में बाकी 6 पंप काम कर रहे हैं। खदान से और कितना पानी आएगा, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। अभी पानी के बहाव और खिंचाव के साथ 3 शव बाहर निकल आए हैं। आगे जब पानी और नीचे जाएगा और शाफ्ट और खुलेगा तो शायद कुछ और रिजल्ट मिल सकेगा। पानी जब पूरा बाहर निकल जाएगा।

पहले दिन मजदूरी पर गया था लिजान मगर

लिजान मगर की पत्नी जुनू

लिजान मगर की पत्नी जुनू

कोयला खदान हादसे में मारे गए लिजान मगर की पत्नी जुनू प्रधान कहती हैं। यहां 6 जनवरी को उनके काम का पहला दिन था। लिजान मगर हमारे परिवार का इकलौता कमाने वाला था। पत्नी जुनू ने कहा- मेरा 2 महीने का बच्चा है और मुझे नहीं पता कि हमारा भविष्य क्या होगा।

शनिवार सुबह 27 साल के लिजान मगर का शव पानी पर तैरता मिला था। वह दीमा हसाओ के कलामती गांव नंबर 1 का निवासी था।

2 गिरफ्तारियां, 2 पर FIR; कांग्रेस की PM से मांग- SIT बनाएं

असम पुलिस ने खदान हादसे के सिलसिले में हनान लस्कर और पुनुश नुनिसा को गिरफ्तार किया था। वहीं, कांग्रेस की दिमा हसाओ यूनिट के कोम केम्पराई और पितुश लंगथासा ने उत्तरी कछार हिल्स स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य (सीईएम) देबोलाल गोरलोसा और उनकी पत्नी कनिका होजाई के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। इसमें गोरलोसा और होजाई की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की गई है। दावा है कि ये दोनों खदान में अवैध खनन करवा रहे थे।

वहीं लोकसभा सांसद गौरव गोगोई ने खदान हादसे को लेकर PM मोदी के नाम चिट्‌ठी लिखी और मामले की जांच के लिए SIT बनाने की मांग की है। गौरव ने लिखा- पीड़ित परिवारों को न्याय मिलना चाहिए और यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।

2018 में भी मारे गए थे 15 रैट होल माइनर्स

ऐसा ही एक हादसा मेघालय की ईस्ट जयंतिया हिल्स में 2018 में हुआ था। जहां 15 मजदूर कोयला खदान में फंसकर मारे गए थे। 13 दिसंबर को इस खदान में 20 खनिक 370 फीट गहरी खदान में घुसे थे, जिसमें से 5 मजदूर पानी भरने से पहले बाहर निकल आए थे। 15 मजदूरों को बचाया नहीं जा सका था।

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जिंदा लौटा मजदूर बोला- सुरंग में सीधा लेट गया, पानी के प्रेशर ने बाहर फेंक दिया

सुरंग से जिंदा लौटे मजदूर रियाज अली ने भास्कर को बताया कि पानी आते ही वह सीधा लेट गया, जिससे पानी के प्रेशर ने उसे बाहर फेंक दिया। रियाज ने बताया- मैंने ऊपर वाले को याद किया और आंख बंदकर सांस रोककर सुरंग में सीधा लेट गया। कुछ ही सेकंड्स बाद सुरंग के भीतर से इतना तेजी से पानी आया कि मैं प्रेशर के साथ सुरंग से बाहर निकलकर खदान की तली पर जा गिरा। पानी में ऊपर आकर देखा तो वहां कुछ और मजदूर भी थे। हमें खदान के भीतर-बाहर लाने -ले जाने वाली क्रेन की रस्सी पास ही लटक रही थी। मैं उसे पकड़ कर बाहर आ गया। पढ़ें पूरी खबर…

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