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Manipur Violence: मणिपुर में मैतेई समुदाय से एक व्यक्ति लापता, इंफाल घाटी में फिर तनाव

Manipur Violence: मणिपुर में मैतेई समुदाय से एक व्यक्ति लापता, इंफाल घाटी में फिर तनाव


इंफाल/नई दिल्ली: मणिपुर के जिरीबाम में 11 नवंबर को छह महिलाओं और बच्चों को अगवा कर हत्या का मामला अभी सुलझा भी नहीं था कि मैतेई समुदाय से ताल्लुक रखने वाला 58 साल का एक और शख्स संदिग्ध हालातों में लापता हो गया। इंफाल वेस्ट के लोइतांग खुनौ गांव के रहने वाले लैशराम कमलबाबू सिंह सोमवार दोपहर को कांगपोकपी के लीमाखोंग सैन्य शिविर में काम पर जाने के लिए घर से निकले थे। वह तब से लापता हैं। परिवार का कहना है कि सोमवार को रजिस्टर में उनकी शिविर में प्रवेश की एंट्री तो मिली है, लेकिन शिविर से बाहर जाने की एंट्री रजिस्टर में नहीं है। सोमवार दोपहर करीब 2 बजे से उनका मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ आ रहा है।

घाटी में हालात को तनावपूर्ण

इस घटना ने एक बार फिर से इंफाल घाटी में हालात को तनावपूर्ण बना दिया है। पुलिस का कहना है कि लापता शख्स की तलाश के लिए पुलिस और सेना की कई टीमों को तैनात किया गया है। इस बीच, गांव से बड़ी संख्या में लोग लीमाखोंग के रास्ते पर उनकी तलाश के लिए निकल पड़े। हालांकि, सुरक्षा बलों ने स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए कांटो सबल के पास उन्हें रोक दिया। भीड़ ने पत्थरों से सड़क मार्ग को बंद कर दिया और पुलिस ने भी बैरिकेडिंग कर दी। लोगों को शक है कि उग्रवादियों ने सिंह को अगवा कर लिया है और कहीं उनकी भी हत्या न कर दी जाए।

एक्स्ट्रा फोर्स की मांग

लोगों का कहना है कि लापता शख्स को ढूंढने के लिए एक्स्ट्रा फोर्स को भेजा जाना चाहिए। उनका कहना है, ‘जब तक वह नहीं मिल जाते, हम यहीं बैठे रहेंगे।’ दूसरी तरफ, 11 नवंबर को जिरीबाम में हिंसा के दौरान जिन तीन महिलाओं और तीन बच्चों को अगवा कर हत्या कर दी गई थी, इस मामले में साजिश की संभावना भी जताई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि जब तक इन हत्याकांड को अंजाम देने वाले लोग पकड़ में नहीं आते, तब तक यह कहना भी मुश्किल है कि इनकी हत्या किस समुदाय के लोगों ने की। मामले की जांच एनआईए भी कर रही है।

अभी नहीं खुलेंगे स्कूल-कॉलेज

मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों में स्कूल और कॉलेज अभी नहीं खुलेंगे। सरकारी आदेशों के अनुसार, स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थानों को 27 नवंबर तक बंद रखने का आदेश दिया गया है। इसके बाद भी ये संस्थान अगले आदेशों तक बंद रहेंगे। मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवा भी अभी तक बहाल नहीं की गई है, हालांकि, कुछ शर्तों के साथ ब्रॉडबैंड सेवाएं दी जा रही हैं।



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